बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (Beti Bacho Beti Padhao Scheme in Hindi)
हमारे देश में हमेशा से ही महिलाओं के अधिकारों को दबाया जाता रहा है. भारत में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग लड़कियों से ज्यादा लड़कों को महत्व देते हैं. उनका मानना है कि लड़के उनके परिवार को आगे बढ़ाएंगे एवं उनके परिवार के लिए पैसे कमाएंगे, जबकि छोटी बच्चियां उनका केवल दायित्व होती है. इस वजह से उनके परिवार वाले लड़की के जन्म के समय ही उनकी हत्या कर देते हैं, या उनकी छोटी उम्र में ही विवाह कर दिया जाता है. इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए देश की केन्द्रीय सरकार ने एक योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत गरीब परिवारों की बेटियों को बचाकर उन्हें शिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
1. | योजना का नाम (Scheme Name) | बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना |
2. | लांच (Launched In) | 22 जनवरी, 2015 |
3. | घोषणा (Announced By) | भारत के प्रधानमंत्री द्वारा |
4. | लक्ष्य (Target) | लड़के एवं लड़कियों के लिंग अनुपात को संतुलित रखना |
5. | सोशल मीडिया पर हैशटैग प्रोमोशन (Social Media Hashtag Promotion) | # सेल्फी विथ डॉटर |
6. | ब्रांड एम्बेसडर (Brand Ambassador) | माधुरी दीक्षित नेने |
7. | योजना की देखरेख (Scheme Supervision) | 3 मंत्रालयों (महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मानव संसाधन विकास मंत्रालय) द्वारा |
8. | बजट का आवंटन (Budget Allocation) | 100 करोड़ रूपये |
9. | योजना के लिए रणनीति (Scheme Strategies) | सामाजिक आन्दोलन एवं संचार अभियान |
10. | लाभार्थी (Beneficiaries) | केवल छोटी बच्चियां |
योजना की विशेषताएं (Scheme Features)
- बेटियों की सुरक्षा एवं शिक्षा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना :- देश में लड़कियों का अनुपात कम होता जा रहा है. छोटी बच्चियों की सुरक्षा के लिए और उनके परिवार वालों को उन्हें शिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करने का यह एक मजबूत प्रयास है. इस योजना में लिंग बराबरी, छोटी बच्चियों की सुरक्षा और उन्हें स्वास्थ्य सम्बंधित सहायता प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने पर फोकस किया जाता है.
- सुकन्या समृद्धि खाता :- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत, एक बचत योजना शुरू की गई है जिसका नाम है सुकन्या समृद्धि योजना. यह एक खाता है जोकि छोटी बच्चियों के लिए खोला जाता है. यहाँ उनके माता – पिता या अभिभावक अपनी बेटियों के लिए पैसे की बचत करते हैं, जिसका उपयोग उनकी शिक्षा एवं शादी के लिए किया जाता है. इस खाते में कोई टैक्स की अवधि नहीं है. यह उनके परिवार की वित्तीय स्थिति को सुधारने में कुछ मदद करेगा.
- बेहतर ब्याज दर :- इस योजना में खोले जाने वाले बचत खाते में ब्याज दर बेहतर दी जाएगी, जोकि अन्य चीजों में दी जाने वाली ब्याज दर से अधिक होगी.
- पैसे की निकासी :– इस योजना के तहत बेटियों के माता – पिता उनके नाम से पैसा जमा कर सकते हैं, और इसे वे लड़की की 21 साल तक की उम्र तक जारी रख सकते हैं. जैसे ही लड़की की उम्र 29 वर्ष होगी, या यदि वह 18 से 29 साल तक की उम्र के बीच में शादी करने का फैसला लेती हैं तो यह फण्ड मैच्योर्ड हो जायेगा, और यह फण्ड स्वयं ही मेच्योरिटी स्टेज में पहुँच जायेगा, फिर केवल लड़की ही इस खाते से पैसे निकाल सकेंगी.
- स्कूलों की फीस नहीं देनी होगी :- इसके तहत सरकारी स्कूलों में पढने वाली बच्चियों को किसी भी प्रकार से स्कूल फीस नहीं देनी होती है. इसके अलावा कुछ प्राइवेट स्कूलों में भी बच्चियों के लिए विशेष डिस्काउंट प्रदान किया जाता है.
- योजना की देखरेख :– इस योजना की शुरुआत केन्द्रीय सरकार द्वारा की गई है. लेकिन इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी संयुक्त रूप से समर्थन प्राप्त है, ताकि महिला भ्रूणहत्या जैसे गुनाह समाप्त हो और संतुलित एवं शिक्षित समाज को बढ़ावा दिया जा सके.
योजना के चरण (Scheme Phases)
- पहला चरण :- यह अभियान राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर आयोजित किया गया है. शुरुआत में इसे देश के चुने गए 100 जिलों में शुरू किया गया था.
- दूसरा चरण :- इस योजना के दुसरे चरण में 11 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 61 और जिलों को इसमें शामिल किया गया है.
- इस योजना का पैन इंडिया विस्तार :- इस योजना में प्रधानमंत्री जी ने इस साल के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर इसके पैन इंडिया विस्तार की घोषणा की है. अब इस योजना को पूरे देश के सभी 640 जिलों में लागू किया जाना है.
योजना के लिए पात्रता (Scheme Eligibility)
- भारतीय नागरिक :- इस योजना को भारत की केन्द्रीय सरकार द्वारा भारत की बेटियों के लिए शुरू किया गया है. इसलिए इसका लाभ भारत का कोई भी निवासी प्राप्त कर सकता है.
- एनआरआई के लिए नहीं है :- भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों के अनुसार, इसमें कोई भी एनआरआई को शामिल नहीं किया जाता है. सुकन्या समृद्धि योजना को डाकघर बचत खाता नियम 1981 द्वारा नियंत्रित किया जाता है, इसलिए एनआरआई इस श्रेणी के अंतर्गत नहीं आ सकते हैं.
- छोटी बच्चियों के लिए :- इस योजना को गरीब परिवार की 10 साल तक की छोटी बच्चियों के लिए लागू किया गया है. इसमें केवल वह परिवार ही शामिल हो सकता है जो गरीबी रेखा से नीचे हो और उनके घर में छोटी बच्चियां हो.
- बैंक अकाउंट :- इस योजना में उम्मीदवारों का किसी भी बैंक में सुकन्या समृद्धि अकाउंट होना बहुत जरुरी है, इसके बिना वे इसका लाभ नहीं उठा सकती हैं.
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज (Scheme Required Documents)
- आवासीय प्रमाण पत्र :- इस योजना का लाभ भारतीय नागरिकों को दिया जाना है. इसलिये प्रत्येक आवेदकों को उनका आवासीय प्रमाण देना आवश्यक है.
- बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र :- इस योजना को 10 साल तक की छोटी बच्चियों के लिए शुरू किया गया है. इसके लिए उनका जन्म प्रमाण पत्र भी जमा करना आवश्यक है.
- माता – पिता या अभिभावक की पहचान का प्रमाण :- योजना में कोई भी धोखाधड़ी न हो, इसके लिए प्रत्येक उम्मीदवारों के माता – पिता या अभिभावक को उनकी पहचान का प्रमाण देना जरुरी है.
योजना के लिए आवेदन (Application Process)
- इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों के माता – पिता या अभिभावक को सबसे पहले सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अपनी बेटी के नाम से बैंक अकाउंट खोलवाने के लिए सहायक बैंक से संपर्क करना होता है.
- सहायक बैंक अकाउंट में वे अकाउंट खोलने के लिए फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं, इसके बाद आपको फॉर्म में पूछी जाने वाली सभी जानकारी को सही – सही भरकर एवं सभी आवश्यक दस्तावेजों को इसमें अटैच कर इसे जमा करना होता है. और इस तरह से आपका अकाउंट खुल जाता है.
इस योजना के माध्यम से सरकार देश के समाज को विकसित करना चाहती है, ताकि अन्य देशों की तरह हमारा देश भी संतुलित एवं सम्पन्न हो. और यह योजना बेटियों की सुरक्षा एवं शिक्षा को बढ़ावा भी देती है, जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके.
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